Laalach Vaasana Lath / लालच वासना लत
Ravi Dabral / रवि डबराल
भौतिकवाद, आधुनिक पीढ़ी का मूल मंत्र है, जिसका आदर्श वाक्य ‘खाना, पीना और आनंद लेना’ है। यह दर्शन ‘लालच, वासना और लत’ को जन्म देता है, जो कि हमारे भीतर के दोष हैं। इसके विपरीत, आध्यात्मिकता ‘गुण, मूल्य और नैतिकता’ में विश्वास करती है तथा एक ‘संतुष्ट, तनावमुक्त और उद्देश्यपूर्ण जीवन’ जीने के लिए प्रेरित करती है। यह उपन्यास एक खोजी पत्रकार की यात्रा को दर्शाता है, जो भ्रष्ट भौतिक संसार के रहस्यों को रोमांचकारी रूप से उजागर करता है। भ्रष्ट राजनेताओं, लालची व्यापारियों, कठपुतली मीडिया, असंवेदनशील पुलिस और यहां तक कि एक पक्षपातपूर्ण न्यायपालिका के अधीन इस समाज में, क्या इस पत्रकार को सत्य साबित करने में सफलता मिल पायेगी? क्या वह इन लालची और खतरनाक लोगों के बीच जीवित रह पायेगा? क्या उसे एक सूखे पत्ते की तरह कुचल दिया जायेगा? या फिर, क्या वह हिमालय के आश्रमों में साधनारत आध्यात्मिक योगियों की सहायता से इन शक्तिशाली लोगों का सामना कर पायेगा? यह उपन्यास न केवल संघर्ष, रोमांस, भावनाओं, नाटकीयता, रहस्य, रोमांच और एक्शन से भरपूर है, बल्कि साथ ही साथ पाठकों को एक मनोरंजक और ज्ञानवर्धक अनुभव भी प्रदान करता है...
年:
2019
出版社:
Notion Press
语言:
hindi
页:
446
ISBN 10:
1684663873
ISBN 13:
9781684663873
文件:
PDF, 6.97 MB
IPFS:
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hindi, 2019